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Swayam se Parichay Jaitsunma zin Palmo dwaa diye gaye Baudh Updesho ka Sankalan
जेत्सुनमा तेनज़िन पालमो तिब्बती बौद्ध धर्म के अन्तर्गत भिक्षुणी बनने वाली प्रारम्भिक पश्चिमी महिलाओं में से एक हैं। वे एक पारंगत भिक्षुणी और मेधावी शिक्षिका हैं जो अपनी उपस्थिति और धर्म के विशाल और प्रगाढ़ ज्ञान से सब को प्रभावित कर देती हैं। उन के उपदेश धर्म की प्रासंगिकता और दैनिक जीवन में उस के प्रयोग का मार्ग दिखाते हैं। - जेत्सुनमा भिक्षुणी प्रथा और महिला अभ्यासिनियों के लिए एक प्रेरणास्रोत और मुख्य-शक्ति हैं। * इंग्लैंड में पली जेत्सुनमा 18 वर्ष की आयु में अकेली भारत आईं। उत्तर भारत के लाहौल जिले में स्थित हिमालय पर्वत की एक गुफ़ा में उन्होंने 12 वर्षों तक अभ्यास और ध्यान किया जिस के अन्तिम 3 वर्ष उन्होंने पूर्णतया एकान्त में बिताए। _2008 में डुक्पा काग्यु परम्परा के प्रमुख परम पावन 12वें ग्यालवाङ डुग्पा ने उन्हें जेत्सुनमा (श्रद्धेय गुरु) की विशिष्ट उपाधि दी।
अपने गुरु महामहिम खामटूल रिम्पोछे के कहने पर और परम पावन दलाई लामा जी के आशीर्वाद से उन्होंने हिमाचल के काँगड़ा ज़िले में दोनग्युद गत्सल लिंङ नन्नरी की स्थापना की। यहाँ उत्तर भारत क्षेत्र से आई अनेक युवतियों और महिला अभ्यासिनियों को भिक्षुणी प्रथा के अनुसार शिक्षा दी जाती है। जेत्सनमा तेनज़िन पालमो की ख्याति विश्व भर में फैली।
बौद्ध धर्म बौद्ध धर्म अभ्यास की असली परीक्षा किसी कुशन पर बैठ कर ध्यान करने अथवा कहीं एकान्त में जा कर रहने में नहीं बल्कि क्षण-प्रतिक्षण बीतते दैनिक जीवन में है विशेषकर जब हम स्वयं को कठिन या दुःखद परिस्थितियों में पाते हैं। ऐसे में हमारी प्रतिक्रिया कैसी रहती है? इस पुस्तक में बौद्ध धर्म की आधुनिक महा-श्रद्धया पश्चिमी भिक्षुणी तेनजिन पालमो ने अपने 40 वर्ष के अभ्यास द्वारा सञ्चित अन्तर्ज्ञान और अनुभव को हमारे साथ बांटा है। उनका दृष्टिकोण अत्यन्त ही विस्तृत है और उन्हें ये गहरी समझ है कि कैसे बौद्ध धर्म के सार्वकालिक शिक्षण आधुनिक जीवन की माँगों और चुनौतियों का सामना करने के लिए लागू किए जा सकते हैं।
सरल सुलभ और बहुत ही शिक्षाप्रद तेनज़िन पालमो के उपदेशों और प्रवचनों के इस संकलन में अनेक विषयों पर चर्चा की गई हैं। प्रत्येक में यह वास्तविक विवेक है कि हम अपने जीवन की गुणवत्ता में कैसे और भी वृद्धि कर सकते हैं ताकि इसमें स्थिरबुद्धिता पूर्ति प्रज्ञा और करुणा जैसे लक्षण भर जाएँ। _ इंटू द हार्ट ऑफ़ लाइफ और उसका हिन्दी अनुवाद स्वयं से परिचय सामान्य गृहस्थ-वर्गी लोगों के लिए हैं और इसमें प्रस्तुत किए गए व्यावहारिक विचार और उपदेश हर कोई प्रयोग में ला सकता है चाहे वो बौद्ध धर्म का अनुयायी हो या नहीं।
Author: Suruchi Choksi (Tr.)
ISBN 13: 9789390752874